Sunday, 20 August 2017

// // Leave a Comment

धनिया की सीख



Save Money
Save Money

धनिया  गाँव की सबसे बड़ी उम्र की महिला थी। लोग उसे सम्मान से दादी माँ कहकर बुलाते थे। धनिया का बेटा रामू एक किसान था। उसके पास खेती -बाड़ी के सभी आधुनिक उपकरण थे। वह ट्रेक्टर से खेती करता था। गाँव वाले उसे उन्नत किसान मानते थे। रामु हर साल जब अपनी फसल बेचकर आता तो बाजार से मिलने वाले सारे पैसे अपनी माँ को थमा देता। माँ उन पैसों  में से कुछ हिस्सा अपने पास बचाकर रखती लेती और बाकी पैसे बेटे को लौटा देती। यह सिलसला बहुत सालों तक चलता रहा। अब धनिया के पास एक बड़ी रकम जमा हो गयी। एक दिन खलियान में  काम करते समय ट्रेक्टर से चिंगारी निकल कर खलिहान में रखी फसल पर जा गिरी। हवा के एक झोंके ने चिंगारी को विकराल आग के रूप  में बदल दिया। देखते ही देखते रामु की फसल राख के ढेर में बदल गयी। रामु बड़ा निराश हुआ और रोता -पीटता हुआ घर आया और सारी बात माँ को कह सुनाई। धनिया ने रामु को दिलासा देते हुए अपने पास पड़ी जमा पूंजी उसके हाथ में थमा दी। माँ से पैसे पा कर रामु की तो जैसे जान में जान आ गयी। उसने दोबारा अपने खेतों में काम शुरू किया। माँ की सूझ बुझ से रामु के सामने कोई कठनाई नहीं आयी। सभी गाँव वाले धनिया की थोड़ी -थोड़ी बचत करने की बात जानकार बहुत खुश हुए। और सब ने भी थोड़ी - थोड़ी बचत करने का संकलप लिया। माँ की अलप बचत ने रामु के उजड़ते हुए कारोबार को जल्दी ही संभाल लिया और उसका घर पहले की भांति एक खुशहाल परिवार बना रहा।

शिक्षा :- थोड़ा -थोड़ा  करके जमा किया हुआ पैसा बुरे वक़्त में काम आता है। 


इन्हें भी पढ़ें :-



ऐसे और भी अच्छे- अच्छे आर्टिकल और कहानियां पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग
https://successmantralife.blogspot.in/को LIKE और SHARE जरूर करें दोस्तों.


0 comments:

Post a Comment