Dairy Milk |
डेरी मिल्क नंबर वन चॉकलेट ब्रांड है। पुरे संसार में। केडबरी कंपनी 1824 में बर्मिंघम (इंग्लैंड ) की एक छोटी सी दूकान से शुरू हुई थी। कैडबरी के संस्थापक जॉन कैडबरी (1801 -1889 )कभी काउंटर पर बैठ कर ड्रिंकिंग चॉकलेट ,चाये और कॉफ़ी बेचते थे। कैडबरी की सफलता बताती है की हर बड़े पेड की शुरुआत एक छोटे से बीज से होती है। 23 साल के जॉन कैडबरी की ड्रिंकिंग चॉकलेट जब लोकप्रिय होने लगी ,तो सात साल बाद उन्होंने इसे बनाने के लिए एक फैक्ट्री खोल दी। यह कैडबरी कंपनी की वह छोटी सी बुनियाद थी ,जिस पर आगे चल कर गगनचुम्बी ईमारत खड़ी हुई।
मिल्क चॉकलेट बनाने का विचार जॉन कैडबरी के बेटे जॉर्ज कैडबरी के मन में आया था। उस ज़माने में स्विजरलैंड में बनने वाली मिल्क चॉकलेट इंग्लैंड में काफी लोकप्रिय थी ,लेकिन इंग्लैंड में एक भी अच्छी मिल्क चॉकलेट नहीं बनती थी। जॉर्ज कैडबरी विशेषज्ञों की टीम मिल्क चॉकलेट बनाने के फॉर्मूले को खोजने में लग गए। कई वर्षों की मेह्नत के बाद 1905 में डेरी मिल्क तैयार हुई। डेरी मिल्क घाना की खास कोको बिन्स से बनतीहै। डेरी मिल्क की और खासियत यह की वह मिल्क पाउडर से नहीं बल्कि ताजे दूध से बनती है। 1913 डेरी मिल्क कंपनी का बेस्ट सलिंग ब्रांड बन गया और आज तक बना हुआ है। इस दौरान फैशन बदले ,मशीनें बदली ,दुनिया बदली लेकिन डेरी मिल्क की रेसपी नहीं बदली , "हर आधा पोंड चॉकलेट में डेढ़ गिलास मलाईदार दूध " आज हर साल 25 करोड़ डेरी मिल्क बिकती है। भारत में भी कैडबरी और इसके नंबर ओने ब्रांड डेरी मिल्क चलता है। आज केडबरी का साम्राज्य 60 से अधिक देशों में फैला है। सबसे बड़ी कैडबरी डेरी मिल्क बार अक्टूबर ,1998 में बनी , जिसका वजन 1 .1 टन था और ये 9 फुट ऊँची तथा 4 फुट चौड़ी थी। मिल्क चॉकलेट का नाम रखते वक़्त तीन नामों पर विचार हुआ। जर्सी ,हाइलैंड मिल्क और डेरी मेड। अंत : में बाद वाले दो नामों को मिलाकर डेरी मिल्क नाम चुना गया।
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