दीपक मुंबई में था। उसे दिल्ली जाना था ,इसीलिए वह एयरपोर्ट गया और उसने टिकट खरीद लिया। उसकी उड़ान में कुछ मिनटों का समय था इसीलिए वह वहां पर रखी हुई वजन मापने की मशीन की तरफ चला गया। वह मशीन पर चढ़ा ,अंदर एक सिक्का डाला और उस मशीन के अंदर से उसका भाग्यफल निकलकर आया , "आपका नाम दीपक है ,आपका वजन 80 किलो है और आप दिल्ली के लिए 2 बजकर 20 मिनट पर जाने वाली उड़ान पकड़ने वाले है। वह भौंचक्का रह गया क्योंकि सारी सुचना सही थी। उसे लगा की इसमें कुछ तिकड़म है ,इसीलिए वह दोबारा मशीन पर चढ़ा ,दूसरा सिक्का डाला और उसका भाग्यफल निकलकर आया , " आपका नाम अभी भी दीपक है ,आपका वजन अभी अभी 80 किलो है और आप अभी भी दिल्ली के लिए 2 बजकर 20 मिनट पर जाने वाली उड़ान पकड़ने वाले है। " अब वह पहले से और अधिक चकित और परेशान हो गया। यह सोचकर की इसमें कुछ चाल है वह आदमियों के प्रसाधन कक्ष में गया और उसने अपने कपडे बदल लिए। एक बार फिर वह मशीन पर चढ़ा , उसमें सिक्का डाला और उसका भाग्यफल निकलकर आया , " आपका नाम अभी भी दीपक है ,आपका वजन अभी अभी 80 किलो है , परन्तु आपकी दिल्ली के लिए 2 बजकर 20 मिनट वाली उड़ान अभी -अभी छूटी है। "
शिक्षा :- व्यर्थ के कामों में अपना समय मत गवाएं।
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