Creative Thinking |
रचनात्मक सोच को विकसित कैसे करें
जब आप
विश्वास करते
है, तो
आपका दिमाग
तरीके ढूंढ
ही लेगा।
विश्वास करें
की आप
कोई भी
काम कर
सकते है
आप का
दिमाग उस
काम को
करने के
लिए आप
को तरीके
सुझा देगा।आप
जो करना
चाहते हो
उस विचार
को अपने
ऊपर हावी
हो जाने
दो और
फिर सोचो,
सचमुच सोचो,
कि तुम
ऐसा कर
सकते हो।यह
रचनात्मक सोच
की पहली
आवश्यकता है।किसी
भी
काम को करने के लिए अपने आप से लगातार पूछते रहिये की यह काम बेहतर तरीक़े से कैसे किया जा सकता है। अपने आप से पूछिए आप को अपने दिमाग से जवाब जरूर मिलेंगे। किसी भी बिज़नेस को शुरू करते समय कितना जानते है यह मायने नही रखता है, मायने यह रखता है बिज़नेस शुरू करने के बाद आप कितना सीखता है और आप अपने आप को कितना सुधारते है, यह बात मायने रखती है। बड़ी सफलता उसी इंसान को मिलती है जिसका यह रवैया
होता है मैं-इसे-बेहतर-तरीके-से-कर-सकता- हूँ। हर दिन काम को शुरू करने से 10 मिनट पहले यह सोचें, आज मैं अपने काम में कैसे सुधार ला सकता हूँ।आप के दिमाग में जो भी विचार आये उसे उसी समय कागज पर लिख लें।हर इंसान के अंदर उतनी ही क्षमता होती है जितनी क्षमता का विश्वास उसके मन में होता है। हर इंसान उतना ही काम कर सकता है जितना काम करने की वह ठान लेता है।
·
बड़े लोग लगातार सुनते है।
·
छोटे लोग लगातार बोलते है
आप
जिस भी फील्ड में हो अगर आप को कोई समस्या आ जाये तो अपनी फील्ड के सफल लोगों से बात करें और उन से विचार ग्रहण करें।हम बोलने से कुछ नया नहीँ सीखते, परन्तु हम पूछने और सुनने से बहुत कुछ सीख सकते gSA
रचनात्मक सोच की शक्ति को विकसित करने के 2 तरीके है:-
1. अपने शब्दकोश से असंवभ शब्द
को बाहर
निकाल फेंकें।
इस शब्द
को अपनी
जुबान और
दिमाग में
ना आने
दें। जब
आप सोचते
है यह
काम असंभव
है तो
आप का
दिमाग आप
को सही
साबित कर
देता है।
2. किसी ऐसे काम करने के
बारे में
सोचें जिसे
आप पहले
करना चाहते
हों, परन्तु
आप को
उस समय
वह काम
मुश्किल लगा
हो। अब
ऐसे कामों
की सूची
बनायें कि
ऐसा किस
तरह किया
जा सकता
है
पूछने और सुनने के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को Improve करने के 3 तरीके आजमाएं :-
1. दूसरे लोगों को बोलने के
लिए प्रोत्साहित
करें। लोगों
से पूछे
की आप
को क्या लगता
है इस
बारे में
क्या किया
जाना ठीक
है। इस
से आप
के दिमाग
को विचारों
का कच्चा
माल मिल
जायेगा। और
लोग आप
के दोस्त
भी बन
जायेंगे।
2. अपने विचारों को दूसरे के
सामने सवालों
के रूप
में रखें।आप
इस बारे
में क्या
सोचते है
कि शैली
में सुझाव
दें।
3. सामने वाला जो कह रहा
है उसे
ध्यान से
सुनो। सुनने
का मतलब
है जो
कहा जा
रहा हो
आप का
ध्यान उसी
तरफ हो।
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