Tuesday 11 April 2017

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Success Tips In hindi, - How to develop a positive view

सकरात्मक नजरिया कैसे विकसित करें
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दोस्तों हमें ये तो पता है की सकरात्मक नजरिया अपना कर हम सफल हो सकते है पर हमें ये नहीं पता की सकरात्मक नजरिय कैसे बनाना है और कायम रखना है.तो आइये दोस्तों हम बात करते है की सकरात्मक नजरिया कैसे विकसित करें. दोस्तों हम इन 8 क़दमों से सकरात्मक नजरिया बना सकते और कायम रख सकते है. तो चलिये दोस्तों हम शुरू करते है की वे कौन से 8 कदम है :-

1)      अपनी सोच बदलें और अच्छाई खोजें:-     

सोने की तलाश में - एंड्रयू कार्नेगी अपने बचपन के दिनों में ही स्कॉटलैंड से अमरीका चले गये. उन्होंने छोटे-मोटे कामों से शुरवात की, और आखिरकार अमरीका में स्टील बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी क मालिक बन गए.एक ऐसा वक़्त आया जब उनके लिए 43 करोड़पति काम करते थे. करोड रूपये इस ज़माने में भी बहुत होते है लेकिन साल 1920 के आसपास तो उनकी बहुत जायदा कीमत थी. किसी ने कार्नेगी से पूछा, " आप लोगों से कैसे पेश आते है ?" उन्होंने जवाब दिया- " लोगों से पेश आना काफी हद तक सोने की खुदाई करने जैसा ही है.हमको एक तोला सोना खोद निकालने क लिए कई टन मिट्टी हटानी पड़ती है. लेकिन खुदाई करते वक़्त हमारा ध्यान मिटटी पर नहीं, बल्कि सोने पर होता है." हमारा मकसद क्या है? सोना तलाशने. अगर हम किसी इंसान में, या किस चीज़ में कमियां ढूँढेगें, तो हमें ढेर सारी कमियां दिखाई देंगी.

2)    हर काम फौरन करने की आदत डालें :-   दोस्तों हम सभी ज़िंदगी में कभी न कभी टालमटोल करते है.टालमटोल की आदत की वजह से हमारा नजरिए नकरात्मक बन जाता है.किसी काम को करने से अधिक थकान उस काम को न करने के लिए की जाने वाली टालमटोल की वजह से होती है.

3)   एहसान मानने का नजरिया बनाएं :- अपनी दिक़्क़तों के बारे में सोचने की बजाए अपनी सहूलियतों के बारे में सोचें. हम शिकायत करने के इतने आदी हो गए है की उन चीज़ों की तरफ़ हमारा ध्यान ही नहीं जाता, जो हमारे पास मौजूद है. हमारे पास बहुत सारी चीज़ें है, जिनके लिए हमें शुक्रगुजार होने चाहिए.
हमेशा उन चीज़ों क लिए न रोएं जो हमारे पास नही है. हमेशा उन चीज़ों की तरफ़ देखें जो हमारे पास है.
4)    लगातार ज्ञान हासिल करने का कार्यक्रम बनाइये :- बौद्धिक शिक्षा हमारे दिमाग पर असर डालती है जबकि नैतिक शिक्षा हमारे मन को प्रभावित करती है. यदि शिक्षा मन को ट्रेनिंग नहीं देती तो वह खतरनाक हो सकती है. ज्ञान तो महज जानकार का नाम है. ज्ञान में शक्ति बनने की क्षमता है और यह तभी शक्ति बनती जब इसका इस्तेमाल किया जाता है. अज्ञानी होना बुरी बात नही है पर अज्ञान को अपना करियर बना लेना यकीनन बेवकूफी है.
5)  अच्छे स्वाभिमान का निर्माण कीजिये :-  अगर हम अच्छा स्वाभिमान जल्दी बनाना चाहते है, तो इसका सब से अच्छा तरीका यह है की हम कुछ काम ऐसे लोगों की मदद क लिए करें, जो उसका बदला न तो पैसे से, और न ह ही कुछ और देकर चूका सकते है
6)  नकरात्मक असर से बचें - अगर हम कामयाब लोगों से जुडेंगे तो हम भी कामयाब हो जायेंगे और अगर हम नकरात्मक लोगों से जुडेंगे तो हम भी नकारात्मक बन जायेंगे जब कोई ज़िंदगी में कामयाबी हासिल करता है तो तुच्छ लोग उस पर कीचड़ उछालते है,उसकी टांग खींचते है. हम जब खुद को ऐसे तुच्छ लोगों से बचाना सीख लेते है, तो हम जीत जाते है. जो जरुरी काम है उस से शुरू करें, फिर जो मुमकिन है वह करें और आप अचानक पाएंगे की आप नामुमकिन काम भी करने लगे है
7)  जरूरी कदमों को पसंद करने की आदत डालें :-  कुछ ऐसे काम होते है, जिन्हें हम पसंद करें. या नापसंद करें पर वे हमें करने पड़ते है.एक माँ को अपने बच्चे की देखभाल हर हालत में करती है. ये जरुरी नही है इसमें उसे हमशा सुख मिलता हो, बल्कि कई बार तो यह तकलीफ देह भी हो जाता है.
8)  अपने दिन की शुरुआत किसी अच्छे(सकरात्मक) काम से करें :- सुबह क वक़्त सबसे पहले कोई अच्छी किताब पढ़ें या कोई अच्छी ऑडियो सुनें. रात में अच्छी तरह सोने क बाद हमारा तनाव दूर हो चूका होता है और हमारा अवचेतन मन किसी भी बात को बड़ी आसानी से कबूल कर लेता है. सकरात्मक विचार और व्यवहार को अपनाने का अभ्यास रोज करें, जब तक ये आदत न बन जाये

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