सोच बदलो ज़िंदगी बदलो
दोस्तों, पुराने ज़माने में लोग बंदरों को पता है कैसे पकड़ते थे. एक नारियल
को ज़मीन में गाड़ देते थे और उसके अंदर एक छेद कर देते थे. इतना बड़ा की बंदर का हाथ अन्दर चला जाये और उसके बाद नारियल के अंदर मुगफली को रख देते
थे. उसके बाद जब बंदर आता था तो बंदर उस नारियल के अंदर रखे मूंगफली को उठाने के लिए उस नारियल के अंदर हाथ डालता था और मुगफली को उस नारियल से
निकलने के लिए अपने मुट्ठी बंद कर लेता था और अपना हाथ बाहर निकलने की कोशिश करता था पर वो अपना हाथ बाहर नहीं निकाल पाता था क्योंकि वो अपनी
मुट्ठी को खोलता नहीं था और चीखता रहता था और उसके पकड़ लिया जाता था.बंदर चाहता तो आज़ाद हो तो सकता था पर वो उस मुंगफ़ली को पकडे रहता था. इसी तरह दोस्तों आज हम भी पुरानी सोचों को पकड़ कर बैठे हुए है हम भी अपनी सोच को बदलने को तैयार नहीं होते और एक ही सोच को पकड़ कर बैठे
रहते है जो हमारे बचपन में हमारे माँ-बाप,बुजुर्गों,रिश्तेदारों ने बिठा दी होती वो धारणएं हमारे दिमाग में डाल दी गयी है जिन्हें हमने सच मान लिया और हम भी उस बंदर की तरह सोच को पकड़ कर बैठे हुए है जब एक बच्चा स्कूल में जाता है और गणित में कुछ कर नही पता तो टीचर उनको
बोलते है गणित तुम्हारे बस का नहीं है, तुम तो गणित में नालायक हो. और बच्चा इसी बात को सच मान लेता है और नतीजा यह होता है की बच्चा मान लेता
है कि गणित में मेहनत कर के कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मैं तो नालायक हूँ. जिससे बच्चे ने मैथ में मेहनत करनी छोड़ दी और रिजल्ट खराब आता है. और इसी तरह बच्चे ने भी यह सोच पकड़ ली की गणित मेरे बस का नहीं है. हम हमेशा अपने दिमाग में ये गलत सोच डालते रहते है जैसे, मैं तो सुबह जल्दी
उठ ही नही पता, मैं तो सुबह एक्सरसाइज कर ही नहीं पता, मैं तो नालायक हूँ, मैं खूबसूरत नहीं हूँ, मै तो मुर्ख हूँ, मै तो कभी सफल हो ही नहीं सकता.
ऐसी काफी बातें है. जिन्हें हमने पकड़ के रखा होता है. जिन्हें हम छोड़ नही पाते है.और ऐसी ही सोच के कारण हम सफल नहीं हो पाते है. दोस्तों हमें ये
सोच बदलने की जरूरत है.हमें भी अपनी मुट्ठी खोलनी होगी. दोस्तों सुधा चंद्रन ने एक रोड एक्सीडेंट में अपनी टांग ग्वा दी थी .लोगों ने बोला अब
सुधा चंद्रन नहीं नाच सकती पर सुधा चंद्रन ने इस सोच को बदला और एक दिन फिर डांस की दुनिया में कदम रखा और लोगों की सोच को बदल दिया बॉलीवुड क हास्य कलाकार जॉनी लीवर भी अपनी ज़िंदगी बस में पेन बेच कर गुजार
सकते थे पर उन्होंने अपनी सोच बदली और आज वो फिल्मों में बेहतरीन हास्य कलाकार बन गये,अगर धीरू भाई अम्बानी पेट्रोल पंप पर ही लगे रहते और अपनी
सोच न बदलते तो क्या आज ये अमीर बन जाते. दोस्तों ऐसे काफि उदहारण है
जिन्होंने अपनी सोच से अपनी किस्मत बदल दी,अगर ये सब भी गलत सोच को पकड़ कर बैठ जाते
तो आज ये दुनिया के उन 90% लोगों में जो अपनी गलत सोच को पकड़ कर बैठे है.उनमें शामिल होते,स्मार्ट फ़ोन आये पर नोकिया ने अपनी सोच नहीं बदली और अपनी
सोच न बदल पाने का खामियाजा नोकिया को भुगतना पड़ा .इसीलिए दोस्तों अपनी पुरानी बनी हुई गलत सोच को बदल दो.अगर आप ने अपनी सोच बदल दी तो दुनिया की कोई ताकत आप को सफल होने से नहीं रोक सकती.
अगर आप को मेरी ये पोस्ट पसंद आई हो तो मेरे ब्लॉग https://successmantralife.blogspot.in/प्लीज् Like और Share करे.
ताकि मै आप के लिए अच्छी-अच्छी और लाभदायक पोस्ट करता रहूं
0 comments:
Post a Comment