Sunday 7 May 2017

// // Leave a Comment

Hindi Stories- शिक्षाप्रद कहानी- मेरा गला काट दो



 Buddha, Meditation, East, Eastern

मेरा गला काट दो

किसी राज्य में हवन हेतु राजा एक बकरे की बलि चढाने जा रहा था। उसी समय उधर से भगवन बुद्ध गुजर रहे थे। राजा को ऐसा करता देख वह राजा से बोले।"ठहरो राजन ! यह क्या कर रहे हो। इस बेचारे बकरे की बलि क्यों दे रहे हो। आखिर किसलिए। " राजा ने कहा , "इसकी बलि चढ़ाने से मुझे बहुत पुण्य प्राप्त होगा और यह हमारी प्रथा भी है। "
राजा की इस बात पर बुद्ध ने कहा, "यदि ऐसी बात है तो मेरी बलि चढ़ा दो।  तुम्हें और ज्यादा पुण्य मिलेगा। बकरे की मुकाबले एक मनुष्य की बलि से तुम्हारा भगवन ज्यादा खुश होगा। " यह सुनकर राजा थोड़ा डरा  क्योंकि बकरे की बलि चढ़ाने में कोई हर्ज नहीं था। बकरे की तरफ से बोलने वाला कोई होगा , ऐसा राजा सोच भी नहीं सकता था मगर बुद्ध की बलि चढ़ाने की बात मन में आते ही राजा काँप गया।
उसने कहा , अरे नहीं महाराज ! आप ऐसी बात न करें। इस बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकता। बकरे की बात अलग है। ऐसा तो सदियों से होता आया है और किसी का नुकसान भी तो नहीं है। बकरे का भी फायदा ही है। " वह सीधा स्वर्ग चला जायेगा। "
बुद्ध बोले,"यह तो बहुत ही अच्छा है , मैं भी स्वर्ग की तलाश कर रहा हूँ ,तुम मुझे बलि चढ़ा दो और मुझे स्वर्ग भेज दो या फिर ऐसा क्यों नहीं करते की तुम अपने माता -पिता को ही स्वर्ग भेज दो तथा खुद को भी क्यों रोके हुए हो , जब स्वर्ग जाने की ऐसी सरल और आसान तरकीब मिल गयी है तो काट लो गर्दन। इस बेचारे बकरे को क्यों स्वर्ग भेज रहे हो।  यह शायद स्वर्ग में जाना ही न चाहता हो। बकरे को खुद ही चुनने दो की उसे कहाँ जाना है। "
राजा के तर्कों की पोल खुल चुकी थी। वह भगवन बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा और बोला, "महाराज आपने मेरी आँखें पर पड़े अज्ञान के पर्दे को हटकर मेरा जो उपकार किया है वह में भूल नहीं सकता। "
ऐसे और भी अच्छे- अच्छे आर्टिकल और शिक्षाप्रद कहानियां पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग
https://successmantralife.blogspot.in/   को LIKE और SHARE जरूर करें दोस्तों.और Comment BOX में Comment कर के बताएं आप ये कहानी कैसी लगी।

0 comments:

Post a Comment